

Shiksha Sangam
संकल्पना
मनुष्यत्व अस्तित्व आचार्यत्व ।
राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 विद्यार्थी के सर्वांगीण विकास को केंद्र में रखकर बनाई गई है। अब आवश्यकता है इसके कार्यान्वयन के तरीके खोजकर उसको निष्पादित करने की। इस उद्देश्य को साकार करने हेतु गुजरात के शिक्षा क्षेत्र के कर्मठ और जुझारू शिक्षक, प्रधानाचार्य, प्राध्यापक, और शिक्षा क्षेत्र से जुड़े महत्वपूर्ण व्यक्ति साथ आकर इसे संभव बनाएं यह आवश्यक है। आपसी समन्वय एवं पूर्ण आत्मविश्वास के साथ, एक टीम के रूप में कार्य करके ही हम इस सामूहिक लक्ष्य को प्राप्त कर सकते हैं। यह शिक्षा संगम उसी लक्ष्य की दिशा में आगे बढ़ने का एक प्रयास है।
हर जिले का नेतृत्व करनेवाली एक टीम गुजरात जिसके शिक्षक स्वयं के ‘भारतीय’ एवं ‘शिक्षक’ होने पर गर्व करें और व्यक्ति निर्माण से राष्ट्र निर्माण के भाग्यविधाता होने का गौरव प्राप्त करें। इसी हेतु ज्ञानपुंज शिक्षा संस्थानों’ से उनके ज्ञानकुंज शिक्षक तथा प्रतिनिधि एवं शिक्षा क्षेत्र में प्रेरणादायी कार्य करते हुए अनुकरणीय जीवन जीने वाले शिक्षाविदों को एकत्रित कर हम इस राष्ट्रीय शिक्षा नीति के कार्यान्वयन को सफल कर सकते हैं। इस हेतु शिक्षक को आचार्य की भूमिका निभानी होगी ताकि विद्यार्थी अनुकरणीय नागरिक बने, यह आज की महती आवश्यकता है।
यह कार्यक्रम सूर्यनगरी अर्थात सूरत में 11 से 14 सितम्बर 2022 को आयोजित किया गया था। अपनी संस्कृति और जड़ों से जुड़े रहने की गुजरात की विशेषता और तत्परता को देखते हुए, इ कार्यक्रम की श्रृंखला का सूत्रपात गुजरात से हुई है।